गिरता हूँ मैं, उठता हूँ मैं,
सिर्फ़ अपने आप से लड़ता हूँ मैं...
तुम्हारी याद का सहारा है एक,
आशा की किरन का इशारा हैं.
तुम्हारा मुस्कुराता चेहरा आंसू ला देता आंखों में,
पर फिर भी तुम्हारी हँसी सुनने को दिल तरस जाता हैं।
Friday, May 22, 2009
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