आज फिर यह आँखें नम क्यूँ हैं,
जिसे पाया ही नहीं उसे खोने का गम क्यूँ है,
तुझसे मिलके बिछड़े तोह एहसास हुआ,
कि ज़िन्दगी इतनी कम क्यूँ है... :-(
If only time could hold still...
Someone please show me the "pause" button!!
आज फिर यह आँखें नम क्यूँ हैं,
जिसे पाया ही नहीं उसे खोने का गम क्यूँ है,
तुझसे मिलके बिछड़े तोह एहसास हुआ,
कि ज़िन्दगी इतनी कम क्यूँ है... :-(
If only time could hold still...
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