Friday, May 22, 2009

गिरता हूँ मैं, उठता हूँ मैं,
सिर्फ़ अपने आप से लड़ता हूँ मैं...

तुम्हारी याद का सहारा है एक,
आशा की किरन का इशारा हैं.

तुम्हारा मुस्कुराता चेहरा आंसू ला देता आंखों में,
पर फिर भी तुम्हारी हँसी सुनने को दिल तरस जाता हैं।

Tuesday, November 25, 2008

ना हार से, ना जीत से,
किंचित नहीं भयभीत मैं,
संघर्ष पथ पर जो भी मिला,
यह भी सही, वोह भी सही