Wednesday, August 19, 2009

Woh Kala Ek baansuri Wala.... Anup Jalota



वो काला एक बांसुरी वाला


वो काला एक बांसुरी वाला
सुध बिसरा गया मोरी रे
सुध बिसरा गया मोरी
माखन चोर वो नंदकिशोर
कर गयो रे, कर गयो मन की चोरी रे
सुध बिसरा गया मोरी


पनघट पे मोरी, बैंया मरोड़ी
मैं बोली तो मेरी मटकी फोडी
पैयां पडू करू विनती मैं पर
माने ना एक मोरी रे
सुध ........


वो काला एक...


छुप गयो फिर एक तान सूना के
कहाँ गयो एक बाण चला के
गोकुल ढुंढा मैंने मथुरा ढुंढी
कोई नगरिया ना छोडी रे
सुध ........

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