किसे किसे जवाब दूं,
बुझा बुझा यह दिल है क्यों...
क्या मैं कहूं,
बिखरा है क्यों सपना मेरा...
तू ही बता ज़िन्दगी,
जो भी हुआ क्यों हुआ...
खोई है क्यों हर ख़ुशी,
किस कि लगी बद-दुआ...
बुझा बुझा यह दिल है क्यों...
क्या मैं कहूं,
बिखरा है क्यों सपना मेरा...
तू ही बता ज़िन्दगी,
जो भी हुआ क्यों हुआ...
खोई है क्यों हर ख़ुशी,
किस कि लगी बद-दुआ...
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